tag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post1450018672522892227..comments2024-03-28T02:40:51.341-04:00Comments on திருக்குறள் - திருவள்ளுவர்: மடியின்மைThirukkuralhttp://www.blogger.com/profile/07661601135345192684noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post-56594992904478804492022-11-17T03:51:13.277-05:002022-11-17T03:51:13.277-05:00Woww Super.... Woww Super.... Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post-62733737402339043672016-03-27T19:07:18.144-04:002016-03-27T19:07:18.144-04:00आलसी --सुस्ती ---अर्थ -भाग --तिरुक्कुरल --६०१ ...आलसी --सुस्ती ---अर्थ -भाग --तिरुक्कुरल --६०१ से ६१० <br /><br />१. कुल की श्रेष्ठता और विशेषता <br /> आलसी के कारण बरबाद हो जायेगी . <br /><br />२.कुल श्रेष्ठ होना है तो आलसी छोड़कर <br /> अति प्रयत्नशील और परिश्रमशील बनना है.<br />३. जिसके मन में आलसी का वास है ,<br />उसका कुल उसके पहले ही नाश हो जाएगा.<br />४. आलसी के जीवन में अपराध बढ़ जायेंगे ; <br />उसके पारिवारिक जीवन नाश हो जाएगा. <br />५. देरी , भूल ,आलसी और अति निद्रा आदि<br /> चारों गुण डूबनेवाली नाव के समान है.<br />६.राजा की दोस्ती और उनकी संपत्ति मिलने पर भी <br />आलासियों को कोई लाभ नहीं होगा.<br />७.बगैर प्रयत्न के आलसी अपमान का पात्र बनेगा.<br />८.श्रेष्ठ कुल में जन्मे लोग आलसी बनेंगे <br />,तो जल्दी ही दुश्मनों के गुलाम हो जाएगा.<br />९.आलसी अपना आलस छोड़ देगा तो<br /> उसके खोये गौरव और पौरुष अपने आप वापस आ जाएगा .<br />१०. जो राजा आलसी रहित है,उसके अधीन सारी धरती आ जायेगी .ananthakohttps://www.blogger.com/profile/03838884586303164823noreply@blogger.com