tag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post4955425036608428169..comments2024-03-28T02:40:51.341-04:00Comments on திருக்குறள் - திருவள்ளுவர்: குற்றங்கடிதல்Thirukkuralhttp://www.blogger.com/profile/07661601135345192684noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post-486206923207834852018-11-20T11:57:46.444-05:002018-11-20T11:57:46.444-05:00kural 432
திருக்குறளார் வீ. முனிசாமி உரை:
கொட...kural 432<br />திருக்குறளார் வீ. முனிசாமி உரை:<br /><br /> கொடுக்க வேண்டியவற்றிற்குப் பொருள் கெடாதிருத்தலும், நன்மையில் நீங்கிய மானமும், அளவுகடந்த உவகையும் அரசனுக்குக் குற்றங்களாகும்.<br /><br />kedaathiruthal should be kodaathiruthalAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post-63293448645781898732016-02-12T12:34:29.551-05:002016-02-12T12:34:29.551-05:00निरपराध --अर्थ -तिरुक्कुरल --४३१ से ४४०
१. काम ,क...निरपराध --अर्थ -तिरुक्कुरल --४३१ से ४४० <br />१. काम ,क्रोध और मद आदि अपराध रहित मनुष्य ही निर्दोषी है. वे ही श्रेष्ठ है.<br />२. शासकों के अपराध है --दान न देना ,दोषी मन , अपराध में आनंद ,बड़ों का अपमान करना आदि अपराधी शासकों के अवलक्षण है. <br />३. <br />जो अपयश से डरते हैं ,वे ज़रा - सी गलती भी नहीं करेंगे. तिल बराबर की गलती भी उन्हें बहुत बड़े पर्वत -सा लगेगा.<br />४.<br />अपराध ही एक मनुष्य को सर्वनाश करेगा ; अतः अपराध से बचना चाहिए. <br />५. अपराध करने से जो पहले ही नहीं अपने को बचा नहीं सकते उनका जीवन आग में बड़े भूसे के सामान भस्म हो जाएगा. <br />६. पहले अपने दोष और अपराधों से बचनेवाले नेता को किसी भी प्रकार का दुःख न आएगा. <br />७. सत्कार्य में खर्च न करके धन जमा करने वाले कंजूस की संपत्ति बेकार हो जायेंगी . वह खुद सुख नहीं भोग सकता.<br />८.कंजूसों का अपराध अपराधों की सूची से हटकर विशेष अपराध हो जाएगा. <br />९. किसी भी स्थिति में अपने को बड़ा मानकर अहंकार वश दूसरों के लिए हानिकारक काम नहीं करना चाहिए.<br />१०.अपनी इच्छाओं और अपनी योज़नाओं को जो गोपनीय रखता है,उसको दुश्मनों का षड्यंत्र कुछ नहीं कर सकता.ananthakohttps://www.blogger.com/profile/03838884586303164823noreply@blogger.com