tag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post5446486330399425405..comments2024-03-28T02:40:51.341-04:00Comments on திருக்குறள் - திருவள்ளுவர்: வெருவந்தசெய்யாமைThirukkuralhttp://www.blogger.com/profile/07661601135345192684noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post-85959980201901250492016-03-20T07:52:19.760-04:002016-03-20T07:52:19.760-04:00अर्थ भाग --आतंकित न करना. .--५६१ से ५७० . तिर...अर्थ भाग --आतंकित न करना. .--५६१ से ५७० . तिरुक्कुरल <br /><br />१. राजा का कर्तव्य है कि अपराध के अनुसार<br /> कठोर दंड देकर ,वैसे अपराध फिर होने से रोकना .<br />अर्थ भाग --आतंकित न करना. .--५६१ से ५७० . तिरुक्कुरल <br />२. अपराधियों को ऐसा दंड देना कि अपराधी को आरम्भ में इतना भयभीत करना कि वह बिल्कुल डर जाए पर दंड तो कोमल हो जाएँ .<br />ऐसे दंडनायक को ही अमर कीर्ति मिलेगी.<br />वे ही लम्बे समय तक शासक बन सकते हैं. <br />३.<br />नागरिकों को आतंकित करनेवाले <br /> अत्याचारी शासक का जल्दी ही पतन होगा. <br />४. नागरिकों के द्वारा कठोर निंदा के पात्र बने <br />अत्याचार शासक जल्दी मिट जाएगा.<br />५. निर्दयी और कठोर डरावना के चेहरे के शासक की बड़ी संपत्ति जल्दी ही मिट जायेगी. <br />६. कठोर शब्द और निर्दयी दिलवालों की संपत्ति <br />जल्दी ही बरबाद हो जायेगी.<br />७. कठोर शब्द और अनियमित दंड देनेवाले <br />शासक जल्दी ही दुर्बल हो जाएगा. <br />८. एक राजा को अपने दरबारियों से <br />सलाह मशवीरा लेकर ही कार्य करना चाहिए ,ऐसा न करके गुस्सैल राजा अपने मार्ग पर चलेगा तो दिन- दिन उसकी संपत्ति कम होती जायेगी.<br />९. जो राजा अपने सैनिक बल को पूर्व व्यवस्थित नहीं रखता ,वह युद्ध के आते ही जल्दी हार जाएगा.<br />१०.अत्याचारी शासन मूर्खों को अपने साथ रख लेगा; <br />वैसे शासक केवल भार रूप बनेगा; उससे कोई लाभ नहीं होगा.ananthakohttps://www.blogger.com/profile/03838884586303164823noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3510845354215608836.post-62660978219025006892014-01-28T10:56:13.384-05:002014-01-28T10:56:13.384-05:00goodgoodAnonymousnoreply@blogger.com